December 24, 2007

प्रतिक्रिया

पत्रिका का तीसरा अंक मिला। मेरी शुभकामनाएं! मौजूदा समय में जब विचारों और इतिहास के अंत की घोषणाएं धूम-धाम से की जा रही हो, तब 'जन विकल्प` जैसी पत्रिका की जरूरत ज्यादा ही महसूस होती है। आप एक बहुत ही जरूरी काम कर रहे हैं। यह पत्रिका ये बता रही है कि इतिहास का अंत नहीं हुआ है, हुआ सिर्फ यह है कि नया इतिहास नया किरदार लिख रहा है। सामंती युग के हीरो अब इस खेल में नहीं दिख रहे, तो कुछ लोग कम रोशनी का बहाना कर गेम रोकना चाहते हैं। भारतीय संदर्भ में, ब्राह्मणवाद इस समय लोकतंत्र और बाजार के दोहरे हमले से चरमरा रहा है। शहरीकरण और इंटरकास्ट शादियों की वजह से जाति की बुनियाद हिल रही है। समाज में इसकी वजह से तनाव है, पर ये शुभ नहीं है। आपकी पत्रिका इस तनाव को दर्ज कर रही है। आप मौजूदा समय का इतिहास लिख रहे हैं। इतनी बड़ी भूमिका निभाने में आपको कामयाबी मिले।
-दिलीप मंडल, दिल्ली

American detained for Puri temple visit ( 3rd March 2007, TOI), temple administration took a fine of Rs 209 from him even as some shrine priests insisted that the BHOG for the day should be dumped as it had been defiled by the presence of a non Hindu inside the temple.
The religion which teaches you to not to treat people with equal is not a religion. Csateism is backbone of Hinduism & only emancipation is a conversion. These were the people those were talking stupidly over the Racism, without knowing that Casteism is much more dangerous than racism.
A recent study has shown that in India about 63% Hindu temples prohibits Dalits. We do not want to go there as a worshiping Hindu’s fake gods but we demand equal rights over everything.
-Pradeep Atri. Mukerian, Punjab.


मार्च अंक में स्वामीनाथन पर आलेख पूरा पढ़ गया। पत्रिका इस दृष्टि से अच्छी है कि इसे पढ़ने में कठिनाई नहीं होती। मैं तकनीकी पहलू की बात कर रहा हूं। यह ठीक है कि इसे यूनीकोड पर यानी मंगल फौंट पर इन्टरनेट पर लगा कर सारी दुनिया के पाठकों के पास पहुंचाना चाहिए।
-विनोद रिंगानिया, गुवाहाटी

साहित्य के लिए किया गया प्रयास समाज के लिए एक वरदान है। 'जन विकल्प` द्वारा किए जा रहे आपके कार्य सराहनीय हैं।
-Devi Nangrani

I am not comfortable with Hindi. But Hindi speaking friends of HETUBADI magazine are appreaciating Jan Vikalp very much. we will be able to organise a good no. of subscribers.
-Ananta Acharya, Kolkatta. asim.ananta@gmail.com

इनके भी संदेश मिले : एसआर हरनोट, शिमला, विजेन्द्र एस विज, दिल्ली, गणेश मिश्र, अम्बिकापुर कपिल, अमरावती, हर्षित पाण्डे, आईआईटी, रूड़की, मृत्युंजय प्रभाकर, दिल्ली, अनन्त आचार्य, कलकत्ता, मनोरंजन मुकेश, दिल्ली, नचिकेत, थाने, विन्नु पहवानी धीरेश सैनी, मुजफ्फरनगर, पूरन मुद्गिल, भोपाल, कमल सिहं चौहान, खंडवा, मप्र, महेश सांख्यधर, बिजनौर, संतकुमार टण्डन 'रसिक`, इलाहाबाद, अजेय, लाहुल स्पिति।

1 comment:

  1. jan vikalp ka ank aaj hi dekha kathakar subhas pant ji ke pass, achchha laga.

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